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बांग्लादेशी मूल के सभी व्यक्तियों के जाति प्रमाण पत्र से पूर्वी पाकिस्तान शब्द को हटाया जाएगा - उत्तराखंड सरकार

बांग्लादेशी मूल के सभी व्यक्तियों के जाति प्रमाण पत्र से पूर्वी पाकिस्तान शब्द को हटाया जाएगा - उत्तराखंड सरकार



उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में रह रहे तीन लाख से अधिक बांग्लादेशी मूल के हिंदू जो 1956 से 1970 के दौरान भारत में पुनर्वास हुए थे। उनकी लंबे समय से यह मांग चली आ रही थी कि उनके जाति प्रमाण पत्र से पूर्वी पाकिस्तान शब्द को हटा दिया जाए क्योंकि वह लोग खुद को पाकिस्तान से किसी भी रुप में जोड़कर देखना पसंद नहीं करते हैं। लोगों का कहना है कि वह यहां तब से रह रहे हैं जब से पूर्वी पाकिस्तान वजूद में था तथा बांग्लादेश को राष्ट्र का दर्जा भी नहीं मिला था।

इसी के चलते उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने सोमवार को यह फैसला लिया कि बांग्लादेशी मूल के सभी व्यक्तियों के बच्चों के जाति प्रमाण शब्द से पूर्वी पाकिस्तान शब्द को हटा दिया जाएगा।

यह प्रस्ताव लोगों की मांग पर राज्य के समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रस्तुत किया गया था। सूत्रों का कहना कि शुरुआत में यह सुझाव दिया गया कि पूर्वी पाकिस्तान शब्द के स्थान पर "पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित" तथा "पूर्वी बंगाल से विस्थापित" शब्द का प्रयोग किया जाए। लेकिन बाद में यह नकार दिया गया तथा भविष्य में इस तरह के किसी भी शब्द का प्रयोग नहीं किया जाएगा।

एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, बंगाली महासभा के सदस्यों ने सोमवार शाम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की और निर्णय के लिए आभार व्यक्त किया। 

धामी का विधानसभा क्षेत्र - खटीमा - उधम सिंह नगर जिले में है। जिले के गदरपुर, रुद्रपुर और सितारगंज निर्वाचन क्षेत्रों में समुदाय की महत्वपूर्ण उपस्थिति है। सितारगंज में समुदाय के 40,000 से अधिक मतदाता हैं, जिनका प्रतिनिधित्व भाजपा के सौरभ बहुगुणा करते हैं, जिन्होंने इस मांग के साथ इस महीने की शुरुआत में देहरादून में धामी से मिलने के लिए समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था।

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